उग्रवाद से ग्रसित इलाका है,हमारी सेना को हमारे ही देश के नागरिको पर गोली चलानी पड़ी
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हमारी सेना को हमारे ही देश के नागरिको पर गोली चलानी पड़ी
अब सुरु करते है खबरों का सिलसिला | दुनिया का सबसे पुराना उग्रवादी आन्दोलन चर्चा में है , क्यों की हमारा पुर्वोतर जख्मी है | नागालैंड जल रहा है | एक ऐसा सूबा जो कुछ दिनों पहले शांति की दहलीज़ पर खरा नजर आ रहा था | जो उबल पड़ा हो क्यों , की 15 बेकसूर लोगो की जान गई है |😌😌😌
जिसमे से 14 आम नागरिक है और एक सिपाही
जिसमे से 14 आम नागरिक है और एक सिपाही | बड़ी खबर में हम इसपर बात करंगे की चारो वोर 5 दिसम्बर को नागालैंड के मोन जिले में क्या हुआ , की हमारी सेना को हमारे ही देश के नागरिको पर गोली चलानी पड़ी , इसके साथ ये भी सम्घेंगे इस घटनाक्रम का नागा शान्ति पर पड़ेगा ?
इस सब की सुरुवात हुई है | 4 दिसम्बर की साम को |
मोन जिले में मजदुर कोयले की खदानों में काम करके लौट रहे थे | दिन भर कम करके थक चुके मजदूर सोच में थे , की घर पहुचेंगे तो खाना खायेंगे और नीद पूरी करंगे | फिर भी कुछ लोग जल्दी में थे , की जो घर पर कोई है जो दिन ढलने के बाद उनका इंतजार कर रहा होगा | लेकिन उस साम उनको नही पता था की रस्ते में उनकी मौत उनकी इतजार कर रही थी | उग्रवाद से ग्रसित इलाका है , उग्रवादी आने वाले रस्ते में वाहनों को रोक कर पैसे वसूल करते है |संभवता इसी लिए वाहन के ड्राइवर को रोकने के बजाये रफ़्तार बधा दी जैसे ही उसके पैर ने इस्लेटर पर दबाव बढ़ा दी चारो तरफ से गोलियों की बरसात होने लगी | वाहन में 8 लोग सवार थे | कुछ ही पलो में 6 लोगो की मौत हो गई यह लॉस में तब्दील हो गई |
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